डूबने को अभिमान | प्रेरणादायक कहानी | Motivational story
डूबने को अभिमान
प्रेरणादायक कहानी
एक मूर्तिकारऔर उसके बेटे की कहानी
एक मूर्तिकार था | वो बहुत अच्छी -अच्छी मूर्तियाँ बनता था | उसकी इस कला के लोग कायल थे | दूर-दूर से लोग उसके पास मूर्ति खरीदने आते और उसकी मूर्तियों को देखकर बहुत प्रभावित होते थे | उसकी मूर्ति की माँग बहुत थी सो उसका बेटा उसकी मदद करता था |
मूर्तिकार बेटे को जैसा सिखाते बेटा मन लगाकर सब सीखता, समझता और निखरता चला गया | मूर्तिकार उसकी गलतियों को बतलाता और वो उसे सुधारता | इसतरह से अपने पिता की इस हुनर को बेटे ने अपनी पूरी लगन से सीख लिया |
बेटा भी बहुत अच्छी मूर्ति बनाने लगा | मूर्तिकार से ज्यादा लोग अब उसके बेटे की मूर्ति की सराहना करते थे और खरीदते | मूर्तिकार को बहुत ख़ुशी होती थी | मूर्तिकार अब बूढ़ा हो चला था | उसके हाथ, काम में बारीकियां नहीं ला पातीं थीं | पर वो खुश था कि उसका बेटा काम को बखूबी अंजाम दे रहा है |
मूर्तिकार बेटा को बैठे - बैठे जो समझाता बेटा वैसा ही मूर्ति बनता | धीरे- धीरे बेटा बाप से भी आगे निकल गया | अब उसकी चारों ओर प्रसंशा होने लगी | बेटा को अपने काम पर अभिमान होने लगा | अब मूर्तिकार अपने बेटे कि गलतियों पर टोकते तो बेटे को बहुत बुरा लगता था |
एक दिन पिता के टोकते ही बेटे ने कहा आप मुझे टोका मत करो, लोग अब आप से ज्यादा मेरी मूर्तियों की तारीफ़ करते हैं |
अब तक बेटा पिता के कहने से गलतियों को सुधरता था तो निखर रहा था | अब उसकी गलतियों को बतलाने वाला पिता समझ गया कि बेटे को अभिमान हो गया है | उसके पिता ने टोकना बंद कर दिया |
धीरे - धीरे लोग उसकी मूर्तियों में खामियां निकालने लगे | उसकी मूर्तियों की माँग कम होने लगी |
मूर्तिकार के बेटे को उसकी गलती का अहसास हो गया था |
उसने अपने पिता से माफ़ी मांगी और फिर से दोनों मिलकर मूर्तियां बनाने लगे |
सिखने वाली बातें
1. गलतियाँ करना गलत नहीं होता | गलती करने के बाद उससे नहीं सीखना या सुधारना गलत होता है।
2. अगर सर्वश्रेष्ठ होना है तो हर दिन अपने आप को निखारना जरुरी होता है | अपनी गलतियों को सुधारना जरुरी होता है
3. सबसे बड़ी बात - इंसान को स्वाभिमानी जरूर होना चाहिए पर अभिमानी कभी नहीं होना चाहिए |
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