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योग और प्राणायाम

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योग और प्राणायाम   ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥   ॐ   सह   नाववतु  । सहनौ भुनक्तु |  सह वीर्यं करवावहै |  तेजस्वि नावधी तमस्तु मा विद्विषावहै |  || ॐ||  असतो माँ सद्गमय |  तमसो माँ ज्योतिर्गमय |  मृत्यो माँ अमृतं गमय |  ॐ  शांतिः, शांतिः, शांतिः ||  आज घर - घर में योग और प्राणायाम किया जाता है | योग शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने की सहज आध्यात्मिक प्रक्रिया है |  आज सबको पता है योग अभ्यास हमारे शरीर के सारे अंग प्रत्यंग को सुचारु रूप से चलाने के लिए बहुत जरुरी है और प्राणायाम हमे हमारे प्राण वायु से परिचय करवाता है जो हमारे जीवन का आधार है |  हम हर रोज अपनी दिनचर्या में से १ घंटा भी समय निकाल ले और योग कर लेते है तो शरीर के सारे थके कल पुर्जा में पुनः जान आ जाता है |  किन्तु योग और प्राणायाम को किसी योग शिक्षक से सीखकर करना सही होता है | किसी भी अभ्यास को शुरू करने और अंत करने की सही प्रक्रिया जाने वगैर ...