#subhashitani #सुभाषितानि #अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः
#subhashitani #सुभाषितानि अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः | चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या, यशो बलम् || भावार्थ: जिनका स्वाभाव प्रतिदिन अपने से बड़ों का मान - सम्मान करने का होता है और जो नित्य बड़े बुजुर्गों की सेवा करते है | उनके जीवन में ये चार चीजे बढ़ती है आयु, विद्या, यश और बल | वो दीर्घायु होते है, यशस्वी होते है, विद्यावान और बलवान होते है | Shivstuti सुभाषितानि सुभाषितानि सुभाषितानि सुभाषितानि सुभाषितानि सुभाषितानि सुभाषितानि सुभाषितानि