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अठंगर कुटाय गीत विवाह गीत | Athangar kutay vivah geet geet vivah geet

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  अठंगर कुटाय गीत विवाह गीत   Athangar kutay vivah geet  vivah geet  अठंगर कुटाय  Athangar kutay vivah geet  आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से | आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से    बन ठन बर अइला अवधवा से |  बन ठन बर अइला अवधवा से | आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से  आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से  जे रघुकुल के  वीर कहावत | जे रघुकुल  के  वीर कहावत  बांधू  सखी कॉचे डोरवा से | बांधू  सखी कॉचे डोरवा से अहे  बांधू सखी कॉचे डोरवा से  आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से |  आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से | Athangar kutay vivah geet  कि बहिया की नृप कुल बालक |  कि बहिया की नृप कुल बालक  बुझब ओखरी मुसारवा  से | अहो, बुझब ओखरी मुसरवा से  आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से |  आज धनवाँ  कुटाऊ चारों बरवा से    चारु बरवा से हो चारु बरवा से, चारु बरवा से हो चारु बरवा से |  आज धनवाँ  कुटाऊ ...

Dwar chekai shadi geet | शादी गीत द्वार छेकाई नेग गीत |

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  द्वार छेकाई नेग गीत  Dwar chekai shadi geet   द्वार के छेकाई नेगा पहले चुकइयो हो दुलरुआ भैया | तब जइह कोहबर अपन हे दुलरुआ भैया तब जइह कोहबर अपन हो दुलरुआ भैया  तब जइह कोहबर अपन हो दुलरुआ भैया  Dwar chekai shadi geet ससुर के कमायी देल्हा बहिनी के दियउ हे दुलरुआ भैया,  तब जैहै कोहबर अपन हे दुलरुआ भैया |  तब जैहै कोहबर अपन हे दुलरुआ भैया |  Dwar chekai shadi geet साला के कमाई देलहा बहिनी के दिहा हे  तब जैहै कोहबर अपन हे दुलरुआ भैया |  तब जैहै कोहबर अपन हे दुलरुआ भैया |  बहुत दिन से हम असरा लगै लियै हे दुलरुआ भैया  आज आसरा दियो न पुराय हे दुलरुआ भैया  Dwar chekai shadi geet कोहबर लिखाई पहले भौजी से लेबै हे दुलरुआ भैया,  तब दिहा अपन कमाई हे दुलरुआ भैया |  रखियो के खुसिया हमें आज मनइबै हे दुलरुआ भैया  तब जैहै कोहबर अपन हे दुलरुआ भैया | द्वार के छेकाई नेगा पहले चुकइयो हो दुलरुआ भैया | तब जइह कोहबर अपन हे दुलरुआ भैया

मैथिलि विवाह गीत | विदाई गीत | vivah geet

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मैथिलि  विवाह  गीत | विदाई गीत चलली दुल्लरि धीया पिया के नगरिया हे पिया के नगरिया, सुन्न कैली माय के कोर ! || 1 ||  बिचुकथि मयना सभ दाइ बहिना हे सभ दाइ बहिना, बहल नयन से नोर || 2 || चलल कहरिया  छोड़ि के दुअरिया हे छोड़ि के दुअरिया,   छूटि गेलै बाप के गाँव || 3 || सासुघर चली देली  नैहरा सँ दूर भेली नैहरा सँ दूर भेली बेटीधन दोसरे के नाम || 4 || हेरथि सुनयना चहुदिश अंगना हे चहुदिश अंगना   कहू आब  कहती के माय,  कहू आब  कहती के माय || 5 ||  मोन पड़ै नेनपन रुनझुन पैजन, रुनझुन पैजन   सोचि सोचि रहलै कनाय || 6 || रसे रसे रसू धीया पिया घर बसू धीया पिया घर बसू धीया धरू धरू  बाप के आशीष || 7 || दूर रहै असगुन सुख सजै चौगुन  सुख सजै चौगुन अचल सोहाग तोर शीश || 8 || https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2020/11/hair-care-baalon-ki-dekhbhal.html मैथिलि विवाह गीत | विदाई गीत | vivah geet मैथिलि विवाह गीत | विदाई गीत | vivah geet मैथिलि विवाह गीत | विदाई गीत | vivah geet मैथिलि विवाह गीत | विदाई गीत | vivah gee...

हल्दी गीत हिंदी में | शादी में हल्दी | उबटन - पारम्परिक गीत | मंगल गीत

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                                                       हल्दी गीत   शादी में    उबटन लगाने वक़्त गायी जाने वाली पारम्परिक गीत    मंगल गीत काश ही बांस के रे मलवा  रे  मलवा उहे मलवा   हे  नारायण तेल उहे मलवा |  हे  नारायण तेल उहे मलवा | तनिये के मुँहवा पसारूं दुलारी बेटी  लागी जैतो   हे नारायण तेल  लागी जैतो   हे सुहाग के तेल  लागी जैतो    | हम कैसे मुँहवा पसारुं कन्यायन अम्मा मोरे हाथे,  हे कलमवा  दवात  मोरे हाथे |  हे कलमवा  दवात  मोरे हाथे | तानिये के गोरवा पसार दुलारी बेटी  लागी जैतो    हे नारायण तेल  लागी जैतो   |  हे सुहाग के तेल  लागी जैतो   | हम कैसे गोरवा पसारुं कन्यायन अम्मा मोरे हाथे,  हे कलमवा  दवात  मोरे हाथ...

जनेऊ गीत | यज्ञोपवीत लोक गीत

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    जनेऊ गीत    यज्ञोपवीत लोक गीत  दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे | यज्ञोपवीत लोक गीत   कहाँ शोभे मुंज की डोरी, कहाँ शोभे मिर्ग के छाला, कहाँ शोभे मुंज की डोरी, कहाँ शोभे मिर्ग के छाला, कहाँ शोभे पियरो जनेऊवा, मंडप पर शोभे कहाँ शोभे पियरो जनेऊवा, मंडप पर शोभे | हाथ शोभे मुंज की डोरी ,कमर शोभे मिर्ग के छाला, हाथ शोभे मुंज की डोरी ,कमर शोभे मिर्ग के छाला, देह शोभे पियरो जनेउआ ,मंडप पर शोभे देह शोभे पियरो जनेउआ ,मंडप पर शोभे | दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे, दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे| केहे देलन मुंज की डोरी, कहे देलन मिर्ग के छाला, केहे देलन मुंज की डोरी, केहे देलन मिर्ग के छाला, केहे देलन पियरों जनेउआ मंडप पर शोभे, केहे देलन पियरों जनेउआ मंडप पर शोभे | ठाकुर देलन मुंज की डोरी, ब्राह्मण देलन मिर्ग के छाला, ठाकुर देलन मुंज की डोरी, ब्राह्मण देलन मिर्ग के छाला, बाबा देलन पियरों जनेउआ, मंडप पर शोभे बाबा देलन पियरों जनेउआ, मंडप पर शोभे | दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे,  दशरथ के चारों ललनवा मंडप...