Betiyan | बेटियां | Betiyaan

बेटियां बेटियां बोझ नहीं सौभाग्य होतीं है | बेटियां दो कुल की मर्यादा होतीं है | घर - आँगन की आन- बान और शान होतीं है बेटियां | जब एक औरत गर्भवती होती है तो आने वाली संतान को लेकर सिर्फ खुश रहती है। उसे बेटी या बेटा किसी से शिकायत नहीं होता। वो तो बस एक स्वस्थ बच्चे को इस दुनिया में लाने के प्रयत्न में लगी रहती है। ये बेटा- बेटी जैसे शब्द हमारे घर या आस - पास के माहौल का नतीजा है। लोगो को बेटियां अच्छी नहीं लगती ऐसी बात नहीं है । बात तो ऐसी है कि इन्हें कितना भी पढ़ाओ - लिखाओ इन्हें तो दूसरे घर जाना है। जब तक माँ बाप के साथ होती है उसके पीछे ही रहना पड़ता है। बेटियों की वजह से जिम्मेदारियां ज्यादा बढ़ जाती है। जब वो विदा होतीं है तो दहेज में अपने पिता की सारी जीवन की कमाई बटोर ले जाती है और बस इन्हीं कारणों से बेटियाँ भारी बोझ होती है। यही वो वजह है जिसके कारण लड़कियों को जन्म लेते ही माँ और बेटी दोनों पर कहर टूट जाती है और इस नाजुक स...