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"स्थानं प्रभावं न बलं प्रभावं " | Sthanam prabhavam na balam prabhavam | पद्मपुराण | Padmpuran

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   ॐ    श्री गणेशाय नमः  "स्थानं प्रभावं न बलं  प्रभावं  "|  पद्मपुराण "स्थानं प्रभावं न बलं  प्रभावं  "  पद्मपुराण   पद्मपुराण     पद्मपुराण में वर्णन है   एक बार शिव शम्भु और भगवान् विष्णु एक साथ बैठ कर किसी विषय पर चर्चा कर रहे थे | शिवजी के गले का सांप भगवान् विष्णु के वाहन गरुड़ को कभी सिर पे कभी बगल में फुफकार मार कर परेशान करने लगा |     श्री रामजी के चौदह निवास स्थान गरुड़ जी बहुत परेशान हो रहे थे | थोड़ी देर तो उन्होंने सहन किया | फिर गरुड़ जी से रहा नहीं गया | उन्होंने सांप को आँख दिखा कर कहा तेरे जैसे हजारों सांप को मैं एक सेकंड में खा लूँ | तुम इस भ्रम में मत रहना की तू बहुत बलवान है इस कारण परेशान कर रहा है  और मैं कमजोर हूँ  तो तुम्हे सहन कर रहा हूँ |   अधिक मास | पुरुषोत्तम मास | मलमास क्या है  मैं गरुड़ हूँ मेरे नाम से सांप डरते है | मैं एक सेकंड में हजारों सांप खा जाऊं | तुझे भी खा सकता हूँ लेकिन क्या करूँ तू  शिवजी के गले में सुशोभित है इस कारण तू बच रहा है |...