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रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः | सुभाषितानि | Subhashitani | लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सुभाषितानि | Subhashitani | रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः ।

  सुभाषितानि  Subhashitani  रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः । विद्याहीनाः न शोभन्ते निर्गन्धाः इव किंशुकाः ॥  भावार्थ: व्यक्ति रूप, यौवन से संपन्न हो सकता है, श्रेष्ठ कुल भी संभव है | लेकिन विद्या के बिना वैसे लोग भी पलाश के फूल की तरह है जो बहुत खूबसूरत होते है किन्तु खुशबु विहीन है | अर्थात विद्यावान होना सबसे जरुरी है |  रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः । विद्याहीनाः न शोभन्ते निर्गन्धाः इव किंशुकाः ॥ व्यक्ति रूप, यौवन से संपन्न हो सकता है, श्रेष्ठ कुल भी संभव है | लेकिन विद्या के बिना वैसे लोग भी पलाश के फूल की तरह है जो बहुत खूबसूरत होते है किन्तु खुशबु विहीन है | अर्थात विद्यावान होना सबसे जरुरी है |  yatr naryastu pujayte ramante      सुभाषितानि | संतुष्टो भार्यया भर्ता भर्त्रा भार्या तथैव च       सुभाषितानि | विद्या विवादाय धनं मदाय पलाश | पलाश के अद्भुत फायदे रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः  रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः  रूप-यौवन-सम्पन्नाः विशाल-कुल-सम्भवाः  व्यक्ति रूप, यौवन स...