पितृपक्ष | कौआ को खाना क्यों खिलाते है | पितृपक्ष में पुत्र का योगदान
पितृपक्ष में क्या करना चाहिए पितृपक्ष कौआ को खाना क्यों खिलाते है पितृपक्ष में क्या करना चाहिए पितृपक्ष कौआ को खाना क्यों खिलाते है पितृपक्ष में क्या करना चाहिए? पितृपक्ष में पित्तरों को कुल के पुत्र, पौत्र को भोजन जरूर कराना चाहिए और तर्पण करना चाहिए | क्यूंकि उन्ही पितरों के कारण हमारी आत्मा को शरीर मिलता है माता - पिता मिलते है, कुल - परिवार मिलता है, हमारा भरण - पोषण होता है | ये सौभाग्य हमें अपने पितरों के कारण मिलता है | हमारे यहां संतान को पुत्र कहते है | पुत्र का मतलब वो जो पितृ को से ताड़ दे | कौआ को खाना क्यों खिलाते है? पितृ लोक के देवता है अर्यमा | अर्यमा देवता का वाहन है कौआ | कौआ को भोजन देते है तो कौआ के माध्यम से अर्यमा देवता तक पहुँचता है और अर्यमा देवता हमारे पितरों को पुरे वर्ष भोजन कराते है | अर्यमा देवता के वाहन को जब हम भोजन देते है तो वो अर्यमा देवता के द्वारा हमारे पितरों तक भोजन पहुंचता है | यही कारण...