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श्री विष्णु ध्यान मन्त्र | Sri Vishnu dhyanam लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

श्री रामरक्षास्तोत्रं, Sriram Raksha Stotram

   || ॐ ||   श्री रामरक्षास्तोत्रं  राम,राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम,  राम, राम, राम, राम राम, राम, राम,राम,  राम,राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम,  ॐ श्री गणेशाय नमः | अस्य श्री रामरक्षास्तोत्रंमंत्रस्य | बुधकौशिक ऋषि: | श्री सीतारामचंद्रो देवता | अनुष्टुप छन्दः| सीता शक्तिः | श्रीमान हनुमान कीलकं | श्रीरामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्र जापे विनियोगः || ध्यानं | ध्यायेदाजानुबाहुं  धृतशरधनुषं बाधपद्मासनस्थं | पीतम वासो वसानं नवकमलदलस्पर्धीनेत्रं प्रसन्नं | वामनकारूढसीतामुखकमलमिलल्लोचनं नीरदाभं | नानालङ्कारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डलं रामचंद्रम || चरितंरघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरं |      एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनं ||१||     ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम् | जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं ||2||  सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरन्तकम् | स्वलीलाया जगत्रातुमाविर्भूतमजं विभुं ||३||  रामरक्षां पठेत्प्राज्ञ: पापघ्नीं सर्वकामदाम् ।  शिरो मे राघव: पातु भालं दशरथात्मज: ॥४॥ कौसल्येयो दृशौ पा...

श्री विष्णु ध्यान मन्त्र अर्थ सहित | Sri Vishnu dhyanam | शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं

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 || ॐ||  श्री गणेशाय नमः  ॐ नमः शिवाय    श्री विष्णु ध्यान मन्त्र     Sri Vishnu dhyanam    Jai jai Sri Krishna शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं  विश्वाधारं गगनसदृशं   मेघवर्णं  शुभाङ्गम् |  लक्ष्मीकान्तं  कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं   वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथं || अर्थ    शान्ताकारं - जिनकी आकृति शांत है,  भुजगशयनं - जो शेषनाग की शय्या पर सोये हुए है पद्मनाभं   --  जिनकी नाभि में कमल है  सुरेशं -- जो सभी देवी - देवताओं के भी ईश्वर है सम्पूर्ण जगत के आधार है      गगनसदृशं  - आकाश के सामान सर्वत्र व्याप्त है  मेघवर्णं  - नील मेघ के सामान जिनका वर्ण है  शुभाङ्गम् ---  बहुत सुन्दर जिनके अंग है  लक्ष्मीकान्तं - लक्ष्मीपति   कमलनयनं -- कमल के सामान नेत्र वाले योगिभिर्ध्यानगम्यं ---  जो योगियों द्वारा ध्यान करके पाए जाते है  भवभयहरणं --  जो जन्म मरण रूपी भय का नाश करते है  सर...