कदली, सीप, भुजंग मुख, स्वाति एक गुण तीन। Kabirdas ka doha | कबीर के दोहा |
कबीर के दोहा कदली, सीप, भुजंग मुख, स्वाति एक गुण तीन। जैसी संगति कीजिये, तैसो ही फल तीन।। स्वाति नक्षत्र में ओश की बून्द केले के पौधे पर पड़े तो कपूर बन जाता है | सीप के मुँह में जाए तो मोती बन जाता है और वही बून्द यदि साँप के मुख में जाए तो विष बन जाता है | प्रकीर्ति, स्वाभाव और संगती के कारण एक ही चीज का प्रभाव अलग - अलग लोगों पर अलग अलग होता है | https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2021/11/bhavyatam-bhagwat-geeta-bhagwat-geeta.html https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2021/11/aloe-vera-kanyaka-benefits-and-uses-of.html https://youtu.be/luCPkiGxKdI -------Awala ka achar https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2021/04/subhashitani_10.html कबीर के दोहा कबीर के दोहा स्वाति नक्षत्र में ओश की बून्द केले के पौधे पर पड़े तो कपूर बन जाता है | सीप के मुँह में जाए तो मोती बन जाता है और वही बून्द यदि साँप के मुख में जाए तो विष बन जाता है | प्रकीर्ति, स्वाभाव और संगती के कारण एक ही चीज का प्रभाव अलग - अलग...