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जगदम्बा घर में दियरा बार अयली हे | Bhojpuri Devi geet | देवी गीत, भगवती गीत

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 जगदम्बा घर में दियरा बार अयली हे,  जगतारण घर में दियरा बार अयली हे   जगदम्बा घर में दियरा बार अयली हे,  जगतारण घर में  दियरा  बार अयली हे    Bhojpuri Devi geet  देवी गीत   भगवती गीत    जगदम्बा घर में दियरा  जगदम्बा घर में दियरा बार अयली हे,  जगतारण घर में  दियरा  बार अयली हे   जगदम्बा घर में दियरा बार अयली हे,  जगतारण घर में  दियरा  बार अयली हे  जगदम्बा घर में दियरा  कंचन थाल कपूर के बाती, कंचन थाल कपूर के बाती   कंचन थाल कपूर के बाती, कंचन थाल कपूर के बाती    मैया के आरती  उतार अयली हे  मैया के आरती  उतार अयली हे   जगदम्बा घर में दियरा बार अयली हे,  जगतारण घर में दियरा बार अयली हे   जगदम्बा घर में दियरा बार अयली हे,  जगतारण घर में दियरा बार अयली हे   जय-जय भै‍रवि असुर भयाउनि      जगदम्बा घर में दियरा     सोने के थारी में व्यंजन परोसल,सोने के था...

अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भवः | श्रीमद्भागवत गीता

   || ॐ श्री परमात्मने नमः || अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भवः  श्रीमद्भागवत  गीता  अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भवः। यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्मसमुद्भवः ॥  कर्म ब्रह्मोद्भवं विद्धि ब्रह्माक्षरसमुद्भवम्‌ । तस्मात्सर्वगतं ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठितम्‌ ॥            अन्नात भवन्ति भूतानि   परजन्यात्  अन्न  सम्भवः |  यज्ञात् भवती पर्जन्यः यज्ञः कर्म समुद्भवः || कर्म ब्रम्ह उद्भवं  विद्धि   ब्रम्ह अक्षर समुद्भवम् |  तस्मात् सर्व गतं ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठितम् ||  अन्नात् - अन्न से;  भवन्ति - उत्पन्न होता है;  भूतानि - भौतिक शरीर; परजन्यात् - वर्षा से; अन्न - अन्न का  सम्भवः - उत्पादन; यज्ञात् - यज्ञ संपन्न करने से;  भवती - संभव होती है   पर्जन्यः - वर्षा;   यज्ञः -  यज्ञ का संपन्न होना;  कर्म -  नियत कर्तव्य से; समुद्भवः - उत्पन्न होता है; कर्म -  कर्म;    ब्रम्ह  -  वेदों ...