संदेश

सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

युगलाष्टकम्, Yugalashtakam, कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयो हरिः

चित्र
युगलाष्टकम् Yugalashtakam कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयो हरिः  Krishna premmayi Radha, Radha premmayi Hari: कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 1 ॥ श्री राधा श्री कृष्ण प्रेममयी हैं, एवं श्री राधा प्रेममय श्री कृष्ण हैं । मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं । कृष्णस्य द्रविणं राधा राधायाः द्रविणं हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 2 ॥ श्री कृष्ण का जीवन धन राधा हैं, एवं श्री राधा का जीवन धन श्री कृष्ण हैं । मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं । कृष्ण प्राणमयी राधा, राधा प्राणमयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 3 ॥ श्री कृष्ण की प्राण श्री राधा हैं, एवं श्री राधा का प्राण श्री कृष्ण हैं । मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं । कृष्ण द्रवामयी राधा, राधा द्रवामयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 4 ॥ श्री राधा श्री कृष्ण के रस में डूबी हुई हैं, एवं श्री कृष्ण श्री राधा के रस में डूबे हुए हैं । मेरे जीवन क...

राम को देखकर श्री जनक नंदनी

चित्र
  राम को देखकर श्री जनक नंदनी    राम को देखकर श्री जनक नंदनी-2,  बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं |  राम देखे सिया माँ सिया राम को - 2 चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गयीं |  राम को देखकर ----- थे जनकपुर गए देखने के लिए | - २  सारी सखियाँ झरोखन से झाँकन लगी | - २ देखते ही नज़र मिल गयीं दोनों की | -2 जो जहां थी खड़ी की खड़ी रह गयीं | राम को देखकर श्री जनक नंदिनी - २  बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं |  राम को देखकर ------ बोली है एक सखी राम को देखकर  -- 2 रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर | -2 पर धनुष कैसे तोड़ेंगे बाली उमर - २  सब में शंका बनी की बनी रह गई  राम को देखकर श्री जनक नंदनी -2 बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं |   राम को देखकर ----- बोली दूजी सखी छोट देखन में है - २  पर चमत्कार इनका नहीं जानती - 2 एक ही बाण में तड़का राक्षसी - २  उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयीं  राम को देखकर श्री जनक नंदनी बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं | - २ राम देखे सिया माँ सिया राम को चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गयीं | - २ राम को देखकर श्री जनक...

Bhajan: राधे तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए, Radhe tere charno ki

चित्र
राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की   राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी - 2  तकदीर बदल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की,  श्यामा तेरे चरणों की  ॥ सुनता हूँ तेरी रहमत,   दिन रात बरसती है ।  - 2  एक बूँद जो मिल जाए, - 2 मन  की कली खिल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की || यह मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ । - 2 जितना इसे समझाऊं, - 2  उतना ही मचल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की || नजरों से गिराना ना, चाहे जितनी सजा देना । नजरों से जो गिर जाए, मुश्किल ही संभल पाए ॥ राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए ॥ राधे इस जीवन की बस एक तमन्ना है - 2  तुम सामने हो मेरे - 2  मेरा दम  ही  निकल  जाए ॥ राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए   सच कहता हूँ मेरी - 2 तकदीर बदल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की,  राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की  ॥ Radh...