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श्री रामरक्षास्तोत्रं, Sriram Raksha Stotram

   || ॐ ||   श्री रामरक्षास्तोत्रं  राम,राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम,  राम, राम, राम, राम राम, राम, राम,राम,  राम,राम, राम, राम, राम, राम, राम, राम,  ॐ श्री गणेशाय नमः | अस्य श्री रामरक्षास्तोत्रंमंत्रस्य | बुधकौशिक ऋषि: | श्री सीतारामचंद्रो देवता | अनुष्टुप छन्दः| सीता शक्तिः | श्रीमान हनुमान कीलकं | श्रीरामचंद्रप्रीत्यर्थे रामरक्षास्तोत्र जापे विनियोगः || ध्यानं | ध्यायेदाजानुबाहुं  धृतशरधनुषं बाधपद्मासनस्थं | पीतम वासो वसानं नवकमलदलस्पर्धीनेत्रं प्रसन्नं | वामनकारूढसीतामुखकमलमिलल्लोचनं नीरदाभं | नानालङ्कारदीप्तं दधतमुरुजटामण्डलं रामचंद्रम || चरितंरघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरं |      एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनं ||१||     ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम् | जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं ||2||  सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरन्तकम् | स्वलीलाया जगत्रातुमाविर्भूतमजं विभुं ||३||  रामरक्षां पठेत्प्राज्ञ: पापघ्नीं सर्वकामदाम् ।  शिरो मे राघव: पातु भालं दशरथात्मज: ॥४॥ कौसल्येयो दृशौ पा...

कोई लाख करे चतुराई, #bhajan

       कोई लाख करे चतुराई koi lakh kare chaturai  karam ka lekh mite na re bhai   कोई लाख करे चतुराई,  करम  का लेख मिटे ना रे भाई । करम  का लेख मिटे ना रे भाई । ज़रा समझो इसकी सच्चाई रे,  करम  का लेख मिटे ना रे भाई । इस दुनिया में भाग्य के आगे,  चले ना किसी का उपाय । कागद हो तो सब कोई बांचे,  करम  ना बांचा जाए । एक  दिन इसी किस्मत के कारण,  वन को गए थे रघुराई रे ॥ करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥ कोई लाख करे चतुराई,  करम  का लेख मिटे ना रे भाई । करम  का लेख मिटे ना रे भाई । काहे मनवा धीरज खोता,  काहे तू नाहक रोए । अपना सोचा कभी ना होता,  भाग्य करे सो होए । चाहे हो राजा चाहे भिखारी,  ठोकर सभी ने यहाँ खायी   रे   ॥ करम का लेख मिटे ना रे भाई ॥ कोई लाख करे चतुराई,  करम  का लेख मिटे ना रे भाई । करम  का लेख मिटे ना रे भाई । कोई लाख करे चतुराई,    हम सब लोग अपने अपने कर्म करते रहते है, चाहे वो अच्...

#subhashitani #सुभाषितानि #अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः

  #subhashitani  #सुभाषितानि     अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः |  चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या, यशो बलम् || भावार्थ: जिनका स्वाभाव  प्रतिदिन  अपने  से  बड़ों का मान - सम्मान करने  का  होता है  और जो नित्य बड़े बुजुर्गों की सेवा करते है |  उनके जीवन में ये चार चीजे बढ़ती है  आयु, विद्या, यश और बल | वो दीर्घायु होते है, यशस्वी होते है, विद्यावान और बलवान होते है |  Shivstuti    सुभाषितानि  सुभाषितानि   सुभाषितानि    सुभाषितानि   सुभाषितानि    सुभाषितानि    सुभाषितानि    सुभाषितानि   

#ShivStuti #शिवस्तुति #shivabhajan

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 Shiv Stuti A soulful offering to Bhagwaan Shiva ॐ नमः शिवाय  || आशुतोष शशांक शेखर, चंद्रमौलि चिदम्बर  | कोटि - कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगंबर || आशुतोष शशांक शेखर, चंद्रमौलि चिदम्बर   कोटि - कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगंबर || आशुतोष शशांक शेखर, चंद्रमौलि चिदम्बर   कोटि - कोटि प्रणाम शम्भू, कोटि नमन दिगंबर || कोटि नमन दिगंबर || निर्विकार ॐकार अविनाशी, तुम्ही देवाधिदेव | जगत्सर्जक प्रलयकर्ता शिवं सत्यं सुंदर ||  निर्विकार ॐकार अविनाशी, तुम्ही देवाधिदेव | जगत्सर्जक प्रलयकर्ता शिवं सत्यं सुंदरम ||  शिवं सत्यं सुंदरम ||   निरंकार स्वरुप कालेश्वर महायोगीश्वर | दयानिधि दानेश्वर, जय जटाधर अभयंकर||  निरंकार स्वरुप कालेश्वर महायोगीश्वर | दयानिधि दानेश्वर जय जटाधर अभयंकर|| जय जटाधर अभयंकर ||   शूलपाणि त्रिशूलधारी, औघड़ी बाघम्बरी | जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशंभर || शूलपाणि त्रिशूलधारी, औघड़ी बाघम्बरी | जय महेश त्रिलोचनाय, विश्वनाथ विशंभर ||  विश्वनाथ विशंभर || नाथ नागेश्वर हरोहर, पाप - शाप अभिशाप तम | महादेव महान ...

गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी (श्री गणेश भजन), Gauri Ganesha Manau Aaj

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गौरी गणेश मनाऊँ आज सुध लीजे हमारी श्री गणेश भजन    गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी, गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी । सुरहिन गैया को गोबर मनागौं, दिग धर अगना लीपाऊं, आज सुध लीजे हमारी । गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी, गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी । Ram ko dekhkar  गंगा जल स्नान कराऊँ, पीताम्बर पहनाऊं, आज सुध लीजे हमारी । गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी, गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी । हरी हरी दूब मैं खूब चढ़ाऊँ, चन्दन घोल लगाऊं, आज सुध लीजे हमारी  गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी, गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी । पहली पूजा करूँ तुम्हारी, लड्डू भोग लगाऊं, आज सुध लीजे हमारी । Gauri Ganesha Manau गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी, गौरी गणेश मनाऊँ, आज सुध लीजे हमारी । 🙏

युगलाष्टकम्, Yugalashtakam, कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयो हरिः

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युगलाष्टकम् Yugalashtakam कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयो हरिः  Krishna premmayi Radha, Radha premmayi Hari: कृष्ण प्रेममयी राधा, राधा प्रेममयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 1 ॥ श्री राधा श्री कृष्ण प्रेममयी हैं, एवं श्री राधा प्रेममय श्री कृष्ण हैं । मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं । कृष्णस्य द्रविणं राधा राधायाः द्रविणं हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 2 ॥ श्री कृष्ण का जीवन धन राधा हैं, एवं श्री राधा का जीवन धन श्री कृष्ण हैं । मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं । कृष्ण प्राणमयी राधा, राधा प्राणमयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 3 ॥ श्री कृष्ण की प्राण श्री राधा हैं, एवं श्री राधा का प्राण श्री कृष्ण हैं । मेरे जीवन का सम्पूर्ण नित्य धन एवं गति युगल सरकार श्री राधा कृष्ण हैं । कृष्ण द्रवामयी राधा, राधा द्रवामयो हरिः । जीवनेन धने नित्यं राधाकृष्ण गतिर्मम ॥ 4 ॥ श्री राधा श्री कृष्ण के रस में डूबी हुई हैं, एवं श्री कृष्ण श्री राधा के रस में डूबे हुए हैं । मेरे जीवन क...

राम को देखकर श्री जनक नंदनी

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  राम को देखकर श्री जनक नंदनी    राम को देखकर श्री जनक नंदनी-2,  बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं |  राम देखे सिया माँ सिया राम को - 2 चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गयीं |  राम को देखकर ----- थे जनकपुर गए देखने के लिए | - २  सारी सखियाँ झरोखन से झाँकन लगी | - २ देखते ही नज़र मिल गयीं दोनों की | -2 जो जहां थी खड़ी की खड़ी रह गयीं | राम को देखकर श्री जनक नंदिनी - २  बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं |  राम को देखकर ------ बोली है एक सखी राम को देखकर  -- 2 रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर | -2 पर धनुष कैसे तोड़ेंगे बाली उमर - २  सब में शंका बनी की बनी रह गई  राम को देखकर श्री जनक नंदनी -2 बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं |   राम को देखकर ----- बोली दूजी सखी छोट देखन में है - २  पर चमत्कार इनका नहीं जानती - 2 एक ही बाण में तड़का राक्षसी - २  उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयीं  राम को देखकर श्री जनक नंदनी बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं | - २ राम देखे सिया माँ सिया राम को चार अखियाँ लड़ी की लड़ी रह गयीं | - २ राम को देखकर श्री जनक...

Bhajan: राधे तेरे चरणों की गर धूल जो मिल जाए, Radhe tere charno ki

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राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की   राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी - 2  तकदीर बदल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की,  श्यामा तेरे चरणों की  ॥ सुनता हूँ तेरी रहमत,   दिन रात बरसती है ।  - 2  एक बूँद जो मिल जाए, - 2 मन  की कली खिल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की || यह मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ । - 2 जितना इसे समझाऊं, - 2  उतना ही मचल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की || नजरों से गिराना ना, चाहे जितनी सजा देना । नजरों से जो गिर जाए, मुश्किल ही संभल पाए ॥ राधे तेरे चरणों की श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए । सच कहता हूँ मेरी तकदीर बदल जाए ॥ राधे इस जीवन की बस एक तमन्ना है - 2  तुम सामने हो मेरे - 2  मेरा दम  ही  निकल  जाए ॥ राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए   सच कहता हूँ मेरी - 2 तकदीर बदल जाए ॥ राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की,  राधे तेरे चरणों की, श्यामा तेरे चरणों की  ॥ Radh...