#Subhashitani, सुभाषितानि
Subhashitani
सुभाषितानि
"उत्साहो बलवानार्य नास्त्युत्साहात्परं बलम्।
सोत्साहस्य च लोकेषु न किंचिदपि दुर्लभम्"॥
"उत्साह" श्रेष्ठ पुरुषों का बल होता है |
"उत्साह" से बढ़कर कोई बल नहीं है |
"उत्साहित व्यक्ति" के लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं होता |
इसे हम सरल भाषा में समझ सकते है |
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