पूजा की मूर्ति को कैसे विसर्जित करें | पूजा की खंडित मूर्ति का क्या करें | पुरानी तस्वीर को कैसे dispose करें
पूजा की मूर्ति को कैसे विसर्जित करें
पूजा की खंडित मूर्ति का क्या करें
पूजा की तस्वीर का क्या करें
पुरानी तस्वीर को कैसे dispose करें
Puja ki murti ka visarjan
Bhagwaan ki khandit murti ya fir tasveer ka kya karein
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हमारे हिन्दू धर्म में अलग - अलग त्योहारों में मूर्ति पूजा का विशेष प्रचलन है। हम बहुत ही सम्मान के साथ अपने ईश्वर की मूर्ति घर लाते है। उनकी प्राण प्रतिष्ठा करते है। उनकी पुरे हर्षोल्लास से पूजा पाठ करते है। फिर उत्सव समाप्त होने पर हम उनका विसर्जन भी करते है।
पुरे आर्यावर्त में मिट्टी और बालू से बनी मूर्ति को पूजा के लिए लाये जाने का प्रचलन है, वही सबसे शुद्ध माना जाता है।
हम सभी जानते है हमारी सृष्टि पांच तत्वों से निर्मित है। उन्ही पांच तत्वों से हम, हमारा पूरा समाज, हमारे आसपास का पूरा वातावरण, निर्मित है,और हम सभी जानते है इन सब के विलीन होने के तरीके।
तो हम जिस भी चीज में प्राण डालते है वो सिर्फ और सिर्फ पांच तत्वों से ही बना होना चाहिए। तभी वो हमारे इस सृष्टि में विलीन हो सकता है। अन्यथा वो कचरा हो जाता है।
हम जिस भी चीज को पूजा के लिए प्रयोग करते है उसमे पृथ्वी में विलीन होने की क्षमता होनी चाहिए। इसलिए आप जो भी मूर्ति घर लाते है वो ऐसा होना चाहिए कि वो आसानी से मिट्टी में मिल जाए।
मूर्ति के विसर्जन के दो तरीके है। एक तो आप उसे जल में प्रवाहित करके विसर्जित करते है दूसरा मिट्टी में दबाकर भी विसर्जित किया जाता है। दोनों ही तरीका बिलकुल प्रकिर्तिक है।तभी सही मायने में विसर्जन होता है।
आप की मूर्ति मिट्टी और बालू से बनी होगी तो आप उसे अपने घर में पानी में डालकर छोड़ देंगे तो वो गल जायेगा और तब आप उसे मिट्टी में प्रवाहित कर सकते है या फिर उसे गमले में डालकर पौधा लगा कर खूबसूरत फूल ऊगा सकते है।
है न खूबसूरत और पूरी तरह से प्रकिर्तिक मूर्ति विसर्जन का तरीका। आपने जिस आराध्य की पूजा इतनी जतन से की उनकी खूबसूरती फूल में झलकेगी।
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