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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता | Yatr naryastu pujayante ramante tatr devta

Yatr naryastu pujayante ramante tatr devta  यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता  "यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता |  यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:" || "यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता" |  जहां स्त्रिओं  का सम्मान होता है, वहाँ देवता का वास होता है, वहाँ देवता प्रसन्न रहते है |    यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता जिस घर में नारी जाति को सम्मान मिलता है उस घर में देवता मंत्रमुग्ध हो रमे रहते है | उस घर में हमेशा यश, सुख, समृद्धि होती है |    Where women are respected, cared for, positivity happiness good environment prevails there.  “Where women are respected, their divinity prevails and shines!”. If the women in the society are honored, the divinity blossoms there. And, where society dishonors them, all the actions remain unfruitful.  "यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:"  जहाँ स्त्रियों का सम्मान नहीं होता वहाँ किये गए समस्त अच्छे काम भी निष्फल होते है |...

Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy

  सुखी खाँसी की बेहतरीन आयुर्वेदिक घरेलु उपाय  Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy  सुखी खाँसी क्यों होती है?     सुखी खांसी के कारण और निदान  जब सुखी खाँसी होती है तो  बलगम   नहीं निकलता | गले में दर्द और irritation होता है | लगातार खाँसी आती है | पूरा चेहरा लाल हो जाता है | chest  pain होने लगता है |  खांसते - खांसते Ribs के side के area  में दर्द होने लगता है |  Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy  ये स्वास रोग है, ये वात और कफ के प्रकोपित होने से होता है | स्वास रोग प्राण वायु का दोष है | प्राण वायु दो तत्वों (महाभूतों) से मिलकर बनता है | वायु और जल | यदि प्राण वायु में जल तत्व ज्यादा बढ़ जाता है तो wet cough  होता  है  बलगम निकलता है |  यदि वायु तत्व अधिक हो जाता है तो dry cough होता है |  Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy  सुखी खाँसी वायु के बढ़ने से होता है ये वात से प्रकोपित रोग है | वायु chest में सूखापन लात...

कुछ पेड़ के पत्ते पतझर के मौसम में झड़ जाते है ? why some plant shed their leaf in winter

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  कुछ पेड़ के पत्ते पतझर के मौसम में झड़ जाते है ?   कुछ पेड़ के पत्ते पतझर के मौसम में झड़ जाते है ? जब पत्ते झड़ जाते है तो पेड़ का खाना कैसे बनता है और पेड़ जीवित कैसे रहता है? हम सभी जानते है पेड़ अपने खाना सूर्य की ऊर्जा की उपस्थिति में जमीन से जड़ द्वारा पानी और खनिज तत्वों को अवशोषित कर और हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड की मदद से खुद बनाते है | वही उनके ऊर्जा का स्रोत है | जब सर्दी आती है तो दिन बहुत छोटा हो जाता है, सूर्य की रौशनी पृथ्वी पर बहुत ही कम पड़ती है | जब सूर्य की रौशनी ही बहुत कम या नहीं के बराबर होती है तो पौधे खाना नहीं बना सकते | बहुत ही कम सूर्य की रौशनी की उपस्थिति में खाना बनाने का संघर्ष करने के बजाय पेड़ अपने पत्तों को झाड़ कर आराम करना बेहतर समझते है | इस अवस्था में उसे बहुत ही कम ऊर्जा की जरुरत पड़ती है और पेड़ के पास पर्याप्त खाना और पानी उसके तना में जमा होती है जो की बसंत के आने तक आराम से चल जाता है | जैसे ही बसंत ऋतू का आगमन होता है सूर्य की रोशनी पर्याप्त आने लगती है पेड़ में नए पत्ते आने शुरू हो जाते है पेड़ फिर से अपने काम में लग जाता है | how-to-s...

Acidity की सबसे सस्ती रसोई में मौजूद दवा | एसिडिटी को जड़ से ख़त्म करने वाली दवा

  Acidity की सबसे सस्ती रसोई में मौजूद दवा   एसिडिटी को जड़ से ख़त्म करने वाली दवा   सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यों है इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यों है ?     एसिडिटी होता क्यों है ? जब पाचन मंद हो जाता है तो हमारे शरीर में अम्ल बढ़ जाता है | आयुर्वेद में छाती से ऊपरी भाग kapha का भाग है  | Acidity  kapha और पित्त इन दोनों के दोष से होता है | Acidity की सबसे सस्ती रसोई में मौजूद दवा जब भी अग्नि कम होगी पाचन मंद होता है और शरीर में द्रव्य की मात्रा बढ़ जाता है तो एसिड बनता है जिसके कारण छाती में जलन होता है |   एसिडिटी होने पर  एंटासिड या सोडा   लेकर  कर हम थोड़ी देर के लिए राहत तो देते है किन्तु फिर से एसिडिटी और ज्यादा प्रभावी होकर उखरता है | क्यूंकि एसिडिटी का जो कारण है वो शरीर से दूर नहीं हुआ है |  आयुर्वेद रोग को दबाने के तरीके नहीं बतलाता है | आयुर्वेद में रोग के कारण को ख़त्म कर रोग को पूर्णतः ख़त्म किया जाता है |  लगातार एसिडिटी की दवा का सेवन करने से शरीर में उसका असर ख़त्म होने लगता है और फिर दव...