Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy

 सुखी खाँसी की बेहतरीन आयुर्वेदिक घरेलु उपाय 


Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy 


सुखी खाँसी क्यों होती है? 


   सुखी खांसी के कारण और निदान 


जब सुखी खाँसी होती है तो बलगम  नहीं निकलता | गले में दर्द और irritation होता है | लगातार खाँसी आती है | पूरा चेहरा लाल हो जाता है | chest  pain होने लगता है |  खांसते - खांसते Ribs के side के area  में दर्द होने लगता है | 


Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy 

ये स्वास रोग है, ये वात और कफ के प्रकोपित होने से होता है | स्वास रोग प्राण वायु का दोष है | प्राण वायु दो तत्वों (महाभूतों) से मिलकर बनता है | वायु और जल | यदि प्राण वायु में जल तत्व ज्यादा बढ़ जाता है तो wet cough होता है बलगम निकलता है | यदि वायु तत्व अधिक हो जाता है तो dry cough होता है | 


Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy 

सुखी खाँसी वायु के बढ़ने से होता है ये वात से प्रकोपित रोग है | वायु chest में सूखापन लाता है इस कारण irritation होने लगता है | 

सूखेपन से irritaion होता है और लगातार खाँसी आती है | 


घरेलु उपाय और सावधानियां  


सावधानियां:-


सबसे पहले वात बढ़ने वाली चीजों को बंद करना जरुरी है | धूल से दूर होना है | ठंडा पानी नहीं पीना है |  रुखा  सूखा खाना नहीं खाना है | Air conditioner से दूर रहना है | 


Dry cough cause, symptoms and ayurvedic treatment remedy  

आयुर्वेद में वात को दूर करने के लिए  स्निग्धता वाली चीजों का सेवन करने को कहा गया है | स्निग्धता वाली चीजों में मीठा तेल, घी आता है | जो तेल हम खाते है | जैसे तिल का तेल | 



हमारे खाना में छः रस होते है मीठा, खट्टा,नमक, करवा, तिक्त और कसैला | 

इनमे से वायु को कम करने वाले रस होता है मीठा, खट्टा और नमकीन  | 

बाकि के जो तीन है वो वायु को बढ़ा देते है | उसे नहीं लेना है | 

मीठा, खट्टा और नमकीन रस को लेना होता है | वायु को कम करने के लिए | 


कैसे लेना है और कितना लेना है 


तिल का तेल 1 tbsp में एक चुटकी सेंधा नमक डालकर गुनगुना करके उसमे एक चुटकी आवला का पाउडर और दो चुटकी मुलेठी पाउडर डालकर पीना है | अगर जरुरत महसूस हो तो गरम पानी के साथ ले सकते है | 



 इसे थोड़ी - थोड़ी देर में ले सकते है | जब तक खांसी में आराम न हो जाए |  

कैसी खाँसी हो रही है उसके अनुसार दिन में चार से पांच बार ले सकते है | 

खाने में घी की मात्रा बढ़ा देना है | पिने में गरम पानी ही पीना है | 

पानी के साथ भी सावधानी होनी चाहिए | 

गरम पानी को ठन्डे पानी में मिला करके नहीं लेना है | 


100 ml  दूध में दो तीन चुटकी सोंठ, 3  - 4 काली मिर्च डालकर उबालकर पीना है | या फिर हल्दी दूध भी ले सकते है | ये combination सिर्फ सुखी खाँसी के लिए ही है |   


तिल का या सरसों के तेल में एक - दो चुटकी सेंधा नमक मिलाकर  गरम करके पूरी छाती में, पीठ में, और पेट में  मालिस करना भी अच्छा होता है | ऐसा करने से जो बलगम वात के वजह से सुख गया है वो स्निग्धता के कारण निकलने लगेगी और ये उपाय दोनों तरह के कफ के लिए अच्छा होता है |  


 एक और जबरदस्त उपाय है दूध को जिस बर्तन में उबलते है उसमे किनारे में दूध सुख जाता है | ये सूखा दूध को खुरच कर खाने से भी सुखी खाँसी ठीक होता है | कारण भी सामान्य है दूध स्निग्ध होता है उसका सूखा में घी की मात्रा होती है | बहुत असरदार होता है | 


Wet cough  में दूध बिकुल नहीं लेना है | 


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