#Subhashitani | #सुभाषितानि | #अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः
सुभाषितानि अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः | चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम् || भावार्थ: जिनका स्वाभाव अभिवादन करने का है और जो नित्य बड़े बुजुर्गों की सेवा करते है, उनकी आयु, विद्या, यश और बल ये चार चीजें बढ़ती है | सुभाषितानि https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2021/04/subhashitani_10.html https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2021/11/aloe-vera-kanyaka-benefits-and-uses-of.html https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2021/11/authentic-bridal-ubtan-how-to-remove.html https://mythoughts4goodlyf.blogspot.com/2021/11/6-acidity-blood-purifier-liver-activate.html must watch my youtube channel जिनका स्वाभाव अभिवादन करने का है और जो नित्य बड़े बुजुर्गों की सेवा करते है, उनकी आयु, विद्या, यश और बल ये चार चीजें बढ़ती है | जिनका स्वाभाव अभिवादन करने का है और जो नित्य बड़े बुजुर्गों की सेवा करते है, उनकी आयु, विद्या, यश और बल ये चार चीजें बढ़ती है | जिनका स्वाभाव अभिवादन करने का है और जो नित्य बड़े बुजुर्गों की सेवा करते है, उनकी आयु, विद्या, यश और बल ये चार चीजें बढ़ती है | ...