Abhyang | Benefits of full body massage | अभ्यंग | Astanghridayam
अभ्यंग
Abhyanga
Benefits of full body massage
आयुर्वेद में कहा गया है --
"अभ्यंगम आचरेत नित्यं, स जराश्रमवातहा: |
दृष्टिप्रसाद पुष्टि आयु:स्वप्नसुत्वक्त्वदार्ढ्यकृत्"||
अभ्यंगम का मतलब शरीर का मसाज |
अभ्यंग नित्य करना चाहिए | अभ्यंग अगर रोज करते है तो बुढ़ापा जल्दी नहीं आता | थकावट नहीं होती है और वायु जनित विकार नहीं होते है |
नेत्र ज्योति को निर्मल करता है, शरीर को पुष्ट करता है आयु को बढ़ता है, निद्रा अच्छी आती है, त्वचा के सौंदर्य को स्थिर रखने वाला तथा शरीर को मजबूत करता है |
शिरः श्रवणपादेषु तं विशेषेण शिलयेत |
शिर, कान,एवं पैर के तलुओं पर विशेष रूप से प्रतिदिन मालिस करना चाहिए |
ऋतू के अनुसार शीत ऋतू में गरम और गर्मी में ठन्डे तेल से अभ्यंग करना चाहिए |
नाक में तेल डालने से त्वचा,गर्दन,कन्धा,मुखमण्डल,एवं वक्षःस्थल पुष्ट होता है | त्वचा में झुर्रियां केशों में श्वेतता तथा झाईयां नहीं होती |
जिस प्रकार रथ के धुरा पर तेल लगाने से रथ का पहिया सरलता से चलता है वैसे ही चमड़ा पर तेल लगाने से चमड़ा मजबूत चिकना एवं चमकीला हो जाता है |
उसी प्रकार त्वचा पर तेल लगाने से शरीर की जोड़ों में गति सरलता से होती है , त्वचा कोमल एवं दृढ हो जाता है | शरीर स्निग्ध एवं कांतिमान होता है |
कान में तेल लगाने से कर्णशूल, हनुशूल एवं शिरशूल नष्ट होता है |
पैरों में तेल लगाने से पैरों में मजबूती आती है , अच्छी निद्रा आती है नेत्रों की ज्योति बढ़ती है | cracking of feet, numbness आदि नष्ट होता है |
शरीर में जो टूट फुट होती है उसके मरम्मत के लिए अभ्यंग बहुत जरुरी है |
अभ्यंग त्वचा को साफ़ करता है dead skin को हटाता है और त्वचा को पोषण देता है |
हमारे sensory organs को पोषित करता है | हमारे शरीर में प्राण वायु को बढ़ता है जिस कारण हम स्वस्थ रहते है |
अभ्यंग करने से थकावट तथा वात विकार ख़त्म होता है |
पूजा की मूर्ति को कैसे विसर्जित करें
नाक में तेल डालने से त्वचा,गर्दन,कन्धा,मुखमण्डल,एवं वक्षःस्थल पुष्ट होता है | त्वचा में झुर्रियां केशों में श्वेतता तथा झाईयां नहीं होती |
जिस प्रकार रथ के धुरा पर तेल लगाने से रथ का पहिया सरलता से चलता है वैसे ही चमड़ा पर तेल लगाने से चमड़ा मजबूत चिकना एवं चमकीला हो जाता है |
उसी प्रकार त्वचा पर तेल लगाने से शरीर की जोड़ों में गति सरलता से होती है , त्वचा कोमल एवं दृढ हो जाता है | शरीर स्निग्ध एवं कांतिमान होता है |
कान में तेल लगाने से कर्णशूल, हनुशूल एवं शिरशूल नष्ट होता है |
पैरों में तेल लगाने से पैरों में मजबूती आती है , अच्छी निद्रा आती है नेत्रों की ज्योति बढ़ती है | cracking of feet, numbness आदि नष्ट होता है | शरीर में जो टूट फुट होती है उसके मरम्मत के लिए अभ्यंग बहुत जरुरी है |
अभ्यंग त्वचा को साफ़ करता है dead skin को हटाता है और त्वचा को पोषण देता है | हमारे sensory organs को पोषित करता है | हमारे शरीर में प्राण वायु को बढ़ता है जिस कारण हम स्वस्थ रहते है |
अभ्यंग करने से थकावट तथा वात विकार ख़त्म
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें