Beti Bachao Beti Padhao
बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ आज कल बेटियों के ऊपर ना जाने कितनी योजनाएं बनाई जा रही है ,ना जाने कितने तरह - तरह के गाने बन रहे है । चित्रपट भी बनाये जा रहे है। इन सब से क्या लगता है कुछ बदलाव आ जायेगा? मै तो कहती हूँ कुछ नहीं होने वाला है इनसब से। अगर बदलाव लाना है तो पहले सामाजिक कुरितियों को जड़ से खत्म करना होगा। एक साधारण घर - परिवार में जिस दिन बेटी जन्म लेती है उस दिन सन्नाटा छा जाता है। बल्कि बेटी के होते ही परिवार वाले माँ को ही कोसने लगते है। अगर वैज्ञानिक तौर पर देखे तो माँ अधिक प्रभावशाली होती है तो बेटी का जन्म होता है। तो परेशानी कहा है बाप में या माँ में ? फिर माँ क्यों निशाने पर होती है। माँ को मानसिक तौर पर परेशान किया जाता है। ये सिर्फ अनपढ़ समाज तक ही सिमित नहीं है मैंने पढ़े लिखे लोगो को भी बेटे की आस में माँ को प्रताड़ित करते देखे है। जिस दिन बेटी जन्म लेती है उसदिन से ही समझ लीजिये वो अपने माँ - बाप के लिए परेशानी ले कर पैदा होती है।बचपन से ही बेटियों को सम्हालकर,संस्कारऔर मर्यादा के साथ बड़ा किया जाता है | ऐसी ...