जनेऊ गीत | यज्ञोपवीत लोक गीत

जनेऊ गीत यज्ञोपवीत लोक गीत दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे | यज्ञोपवीत लोक गीत कहाँ शोभे मुंज की डोरी, कहाँ शोभे मिर्ग के छाला, कहाँ शोभे मुंज की डोरी, कहाँ शोभे मिर्ग के छाला, कहाँ शोभे पियरो जनेऊवा, मंडप पर शोभे कहाँ शोभे पियरो जनेऊवा, मंडप पर शोभे | हाथ शोभे मुंज की डोरी ,कमर शोभे मिर्ग के छाला, हाथ शोभे मुंज की डोरी ,कमर शोभे मिर्ग के छाला, देह शोभे पियरो जनेउआ ,मंडप पर शोभे देह शोभे पियरो जनेउआ ,मंडप पर शोभे | दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे, दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे| केहे देलन मुंज की डोरी, कहे देलन मिर्ग के छाला, केहे देलन मुंज की डोरी, केहे देलन मिर्ग के छाला, केहे देलन पियरों जनेउआ मंडप पर शोभे, केहे देलन पियरों जनेउआ मंडप पर शोभे | ठाकुर देलन मुंज की डोरी, ब्राह्मण देलन मिर्ग के छाला, ठाकुर देलन मुंज की डोरी, ब्राह्मण देलन मिर्ग के छाला, बाबा देलन पियरों जनेउआ, मंडप पर शोभे बाबा देलन पियरों जनेउआ, मंडप पर शोभे | दशरथ के चारों ललनवा मंडप पर शोभे, दशरथ के चारों ललनवा मंडप...